देबारी समझौता कब हुआ था (Debari Samjhota kab hua tha)
देबारी समझौता (Debari Samjhota) 1708 में हुआ था।
बहादुर शाह ने जयपुर के सवाई जयसिंह एवं मारवाड़ के अजीत सिंह से उनके राज्य को छीन लिया था।
1707 में औरंगजेब की मृत्यु के बाद उसके बेटे आजम और मुअज्जम दोनो के बीच उत्तराधिकार के लिए संघर्ष हुआ जिसके फलस्वरूप 12 जून 1707 को जजाऊ के मैदान में युद्ध हुआ और मुअज्जम जीत गया।
जजाऊ के युद्ध में कुछ राजपूत राजाओं ने आजम का साथ दिया जिसमे आमेर के जयसिंह और मारवाड़ के अजीतसिंह शामिल थे इसके विपरित मेवाड़ के अमरसिंह द्वितीय और अन्य राजपूत राजाओं ने मुअज्जम का साथ दिया था।
मुअज्जम ने अजीत सिंह और जयसिंह को युद्ध में आजम का साथ देने के कारण उनका राज्य छीन लिया था। जयसिंह और अजीत सिंह को पता था की अगर मेवाड़ महाराणा अमरसिंह द्वितीय का साथ नहीं मिला तो राज पाना मुश्किल है।
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मुअज्जम ( बहादुर शाह ) के खिलाफ यह समझौता मेवाड़ के अमरसिंह द्वितीय मारवाड़ के अजीत सिंह और जयपुर के सवाई जयसिंह के मध्य हुआ था। देबारी समझौते का मुख्य उद्देश्य अजीत सिंह को मारवाड़ का और सवाई जयसिंह को जयपुर का शासक बनाना था।
इस समझौते के तहत अमर सिंह द्वितीय की पुत्री चंद्रकंवर का विवाह जयसिंह से तय किया गया एवं यह शर्त रखी गई की चंद्रकंवर का होने वाला पुत्र जयपुर का अगला शासक होगा। लेकिन जयसिंह इसके खिलाफ अपने पुत्र ईश्वरी सिंह को शासक बनाता हैं लेकिन बाद में सवाई माधोसिंह मराठों एवं अपने नाना ( अमर सिंह द्वितीय – मेवाड़ ) की सहायता से शासक बनता हैं।